Delhi Jaipur Highway: दिल्ली से जयपुर तक के बीच बन रहे हाई-स्पीड हाईवे के लिए अब जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. सरकार ने साफ कर दिया है कि प्रभावित किसानों और ज़मीन मालिकों को मार्केट रेट से 5 गुना ज्यादा मुआवज़ा दिया जाएगा. गांवों में इस खबर से भारी उत्साह है और लोगों में उम्मीद की नई किरण जगी है.

Delhi Jaipur Highway का मेगा प्रोजेक्ट
ये हाईवे दिल्ली-जयपुर रूट को फुली एक्सेस-नियंत्रित और ग्रीनफील्ड रूट के ज़रिए जोड़ेगा, जिससे सफर सिर्फ 2.5 घंटे में पूरा हो सकेगा. लगभग 270 किलोमीटर लंबी इस सड़क को मल्टीलेन बनाया जा रहा है, जिसमें सुरक्षा और स्पीड दोनों का खास ध्यान रखा जाएगा.
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गांवों की तस्वीर बदलेगी
जिन इलाकों से होकर ये नया रूट गुजरेगा, वहां की जमीन की वैल्यू रातों-रात आसमान छूने लगी है. किसान अब अपनी ज़मीन के बदले करोड़ों रुपये पाने की स्थिति में हैं. बहुत से परिवार पक्के मकानों और व्यापार में निवेश की योजना बना रहे हैं.
रोजगार और कारोबार को मिलेगा बढ़ावा
हाईवे के किनारे नए ढाबे, टोल प्लाज़ा, पेट्रोल पंप, लॉजिस्टिक हब और छोटे बिजनेस खुलने की संभावनाएं बन चुकी हैं. इससे स्थानीय युवाओं को अपने गांव में ही नौकरी और काम मिलेगा, जिससे पलायन कम होगा और जीवन स्तर सुधरेगा.
अधिग्रहण की प्रक्रिया और टाइमलाइन
राजस्थान और हरियाणा सरकार ने जमीन अधिग्रहण के लिए विशेष अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं और सर्वे का काम ज़ोरों पर है. पहले चरण में करीब 35 गांवों की ज़मीन ली जा रही है और अगले 6 महीनों में मुआवज़ा वितरण शुरू हो जाएगा. दिल्ली–जयपुर हाईवे का ये नया फेस किसानों और गांवों के लिए सोने की खान साबित हो सकता है.