Dehradun Haridwar High Speed Train: देहरादून और हरिद्वार के बीच बन रही नई हाईस्पीड ट्रेन लाइन ने पूरे इलाके में विकास की रफ्तार बढ़ा दी है. ये प्रोजेक्ट न सिर्फ सफर को तेज़ बनाएगा, बल्कि इससे जुड़े गांवों और किसानों की किस्मत भी चमक गई है. जिन लोगों की जमीन इस रूट में आई, उनके खाते में सीधे 40 से 50 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए हैं.

Dehradun Haridwar High Speed Train जमीन अधिग्रहण
रेलवे मंत्रालय और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से जमीन अधिग्रहण का काम तेज़ी से चल रहा है. खास बात ये है कि किसानों को उनकी ज़मीन का मार्केट रेट से 4 से 5 गुना ज्यादा मुआवज़ा दिया जा रहा है. कुछ लोगों को एक बीघा ज़मीन के बदले 40 लाख रुपये से ज्यादा की रकम सीधे बैंक खातों में मिली है, जिससे गांवों में जश्न का माहौल है.
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तेज़ रफ्तार ट्रेन और कनेक्टिविटी
यह हाईस्पीड ट्रेन देहरादून से हरिद्वार के बीच सफर को महज 25-30 मिनट में पूरा कर देगी. अभी ये यात्रा लगभग 1.5 घंटे लेती है. रूट पूरी तरह से फुली इलेक्ट्रिक और मॉडर्न सेफ्टी सिस्टम से लैस होगा, जिससे न केवल टाइम बचेगा, बल्कि ट्रैफिक और प्रदूषण भी घटेगा.
गांवों में आया खुशहाली
जिन गांवों से होकर ये प्रोजेक्ट गुजर रहा है, वहां के लोगों ने नई गाड़ियों, पक्के मकानों और छोटे-बड़े बिज़नेस में पैसा लगाना शुरू कर दिया है. ज़मीन के बदले मिले लाखों रुपये अब रोजगार और स्थायी संपत्ति में तब्दील हो रहे हैं, जिससे पूरे क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है.
कब से चलेगी हाईस्पीड ट्रेन?
प्रोजेक्ट का काम अगले 18 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. रेलवे की ओर से बताया गया है कि 2026 की शुरुआत में पहली हाईस्पीड ट्रेन इस रूट पर चलाई जा सकती है. तब तक अधिग्रहण और निर्माण से जुड़ा ज़्यादातर काम पूरा हो जाएगा. इससे न सिर्फ सफर आसान होगा, बल्कि गांवों की तस्वीर भी बदल जाएगी.