Bulandshahr Haridwar Highway: बुलंदशहर से हरिद्वार को जोड़ने वाला नया हाईवे प्रोजेक्ट अब ग्रामीणों के लिए जिंदगी बदलने वाला मौका बन गया है. सरकार इस हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण की तैयारी में जुट गई है और संबंधित जिलों में सर्वे का काम शुरू हो चुका है. इस नए कॉरिडोर से सिर्फ यात्रा आसान नहीं होगी, बल्कि किसानों की ज़मीन की कीमत भी रातों-रात आसमान छूने लगेगी.

Bulandshahr Haridwar Highway: खेतों की किस्मत चमकेगी
जिन किसानों की ज़मीन इस हाईवे के रास्ते में आएगी, उन्हें सरकार लाखों रुपये प्रति बीघा मुआवज़े के रूप में देगी. पहले जिन खेतों की कोई पूछ नहीं थी, अब वहां के लिए रियल एस्टेट कंपनियों से लेकर सरकारी एजेंसियां तक करोड़ों की बोली लगाने को तैयार हैं. ग्रामीण इलाकों में अचानक से प्रॉपर्टी डीलरों की आवाजाही बढ़ गई है.
सीधा फायदा गांववालों को
इस हाईवे के बन जाने से बुलंदशहर, गढ़मुक्तेश्वर, बिजनौर, नजीबाबाद और हरिद्वार तक की सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी. इससे इन इलाकों में व्यापार, पर्यटन और स्थानीय रोज़गार के नए रास्ते खुलेंगे. हाईवे किनारे रहने वाले परिवारों को न सिर्फ मुआवज़ा मिलेगा बल्कि रोड से जुड़ी नई सुविधाओं और अवसरों का भी लाभ मिलेगा.
बाजार और नौकरी के नए अवसर
जहां पहले लोगों को अपने सामान को शहरों में बेचने के लिए घंटों का सफर तय करना पड़ता था, अब नई सड़क के चलते हरिद्वार और दिल्ली जैसे बड़े बाजारों तक पहुंच आसान होगी. ढाबे, पेट्रोल पंप, गोदाम, लॉजिस्टिक सेंटर और होटल जैसे व्यवसायों की शुरुआत इन रास्तों पर होगी जिससे स्थानीय लोगों को सीधा फायदा मिलेगा.
जमीन के रेट होंगे ट्रिपल
फिलहाल जिन ज़मीनों का रेट ₹10–15 लाख प्रति बीघा है, उनके रेट मुआवज़े के बाद और हाईवे से जुड़ते ही ₹40–50 लाख तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है. बुलंदशहर से हरिद्वार तक बनने वाला यह हाईवे न सिर्फ यात्रा का नया विकल्प होगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बड़ा उछाल लाने वाला भी साबित होगा.