Varanasi Riverfront Project: वाराणसी में गंगा किनारे बन रहे भव्य रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट ने शहर की सूरत बदलने का काम शुरू कर दिया है. इस परियोजना का मकसद न केवल पर्यटन को बढ़ावा देना है, बल्कि गंगा के किनारे बसे झुग्गी-झोपड़ी वाले लोगों को बेहतर जीवन देना भी इसका अहम हिस्सा है. अब इन लोगों को मिलेगा पक्का घर और बेहतर सुविधा.

Varanasi Riverfront Project: मुआवज़ा और पुनर्वास
इस प्रोजेक्ट के तहत 800 से ज्यादा झुग्गी में रहने वाले परिवारों को हटाकर उन्हें फ्लैट देने की योजना तैयार की गई है. कई परिवारों को सीधे मुआवज़ा मिला, जबकि जिनकी जमीन पर झोपड़ी थी, उन्हें सरकार की ओर से नया पक्का फ्लैट आवंटित किया गया. लोग कह रहे हैं – “पहले बारिश में छत टपकती थी, अब घर में टाइल्स और पानी की टंकी तक है”.
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काशी का बदलता इंफ्रास्ट्रक्चर
रिवर फ्रंट पर वॉकवे, बोटिंग जोन, ओपन थिएटर और घाटों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट से काशी का अंतरराष्ट्रीय टूरिज़्म हब बनने का रास्ता खुल रहा है. गंगा किनारे का हर दृश्य अब और भी भव्य और सुव्यवस्थित होगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोज़गार के नए मौके भी मिलेंगे.
लोगों में खुशी
कई बुज़ुर्गों और महिलाओं ने कहा कि ये सपना जैसा है. जहां कभी झुग्गी में चूल्हे पर खाना पकता था, वहां अब एलपीजी और गीजर चल रहा है. बच्चों को पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल और साफ-सुथरा घर मिला है. लोगों की आंखों में आभार और भविष्य के लिए उम्मीद की चमक है.
कब तक पूरा होगा प्रोजेक्ट?
काशी रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट को 2026 के मध्य तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. अभी तक इसका 40% काम हो चुका है. घाटों का पुनर्निर्माण, फ्लैट निर्माण और ट्रैफिक सुधार जैसे बड़े बदलाव पहले फेज में पूरे किए जा रहे हैं. आने वाले दो सालों में काशी का चेहरा पूरी तरह बदलने की तैयारी है – और ये बदलाव सबसे पहले गरीबों के चेहरे पर मुस्कान बनकर दिख रहा है.