Eastern Peripheral Expressway में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. अब इस एक्सप्रेसवे को सीधे राजस्थान से जोड़ा जा रहा है, जिससे जयपुर और दिल्ली-एनसीआर के बीच सफर पहले से कहीं ज्यादा स्मूद हो जाएगा. नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम के लोगों को अब जयपुर जाने के लिए शहर की भारी ट्रैफिक से नहीं गुजरना पड़ेगा.

ट्रैफिक से मिलेगी राहत, सफर होगा तेज़
इस कनेक्शन से Eastern Peripheral Expressway एक नया बायपास बन जाएगा जो सीधे राजस्थान को कनेक्ट करेगा. अब जो गाड़ियाँ जयपुर, अजमेर या कोटा की तरफ जाती हैं, उन्हें दिल्ली शहर के भीतर से निकलने की जरूरत नहीं होगी. इससे फरीदाबाद, गुरुग्राम और नोएडा में ट्रैफिक लोड कम होगा और गाड़ियों की रफ्तार पहले से बेहतर हो जाएगी.
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एक्सप्रेसवे की लंबाई और निर्माण योजना
Eastern Peripheral Expressway पहले ही दिल्ली के चारों ओर 135KM की लंबाई में फैला हुआ है. अब इस प्रोजेक्ट के तहत एक्सप्रेसवे को अलवर होते हुए जयपुर की ओर जोड़ने की योजना बनाई जा रही है. इससे न सिर्फ दिल्ली-जयपुर का सफर छोटा होगा, बल्कि लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को भी बड़ा फायदा मिलेगा.
राजस्थान के शहरों को मिलेगा सीधा फायदा
इस नई कनेक्टिविटी से सिर्फ जयपुर ही नहीं बल्कि अलवर, भरतपुर और धौलपुर जैसे शहर भी सीधे लाभ में रहेंगे. दिल्ली आने-जाने वाले भारी ट्रक अब इन रास्तों से होकर निकलेंगे, जिससे इन इलाकों में भी नया व्यापार और रोजगार बढ़ेगा. यह एक्सप्रेसवे राजस्थान को दिल्ली के विकास से सीधे जोड़ देगा.
कब तक शुरू होगा काम और क्या है बजट
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) इस प्रोजेक्ट को जल्द ही अंतिम रूप देने जा रही है. उम्मीद है कि 2025 की शुरुआत तक इस रूट पर कंस्ट्रक्शन शुरू हो जाएगा. इस पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग ₹12,000 करोड़ का खर्च आने का अनुमान है. एक बार कनेक्शन पूरा हो गया तो दिल्ली से जयपुर तक का सफर सिर्फ 3.5 घंटे में पूरा किया जा सकेगा.