Delhi Dehradun Expressway: दिल्ली से देहरादून के बीच बनने वाला एक्सप्रेसवे अब सिर्फ हाईवे नहीं, बल्कि आसपास के गांवों के लिए सुनहरा मौका बनता जा रहा है. इस मेगा प्रोजेक्ट के चलते जिन क्षेत्रों से यह सड़क गुजरेगी, वहां की जमीन की कीमतों में बेतहाशा उछाल आ गया है. खासतौर पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा पर बसे 5 गांवों में करोड़ों की जमीन डील हो रही है, और सरकार खुद इसके लिए भारी मुआवजा देने जा रही है.

जमीन वालों की लगेगी लॉटरी
दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे की वजह से जिन 5 गांवों की जमीन का अधिग्रहण हो रहा है, वहां के किसान और स्थानीय निवासी एक तरह से लखपति–करोड़पति बनने की ओर बढ़ चुके हैं. सरकार प्रति बीघा लाखों रुपये देने को तैयार है और कई लोगों को तो एकमुश्त करोड़ों रुपये तक के चेक मिल चुके हैं. यह मुआवजा दर आम रेट से कहीं ज्यादा है, क्योंकि हाईवे के किनारे की वैल्यू तेजी से बढ़ी है.
Delhi Dehradun Expressway से बदलेगी किस्मत
ये गांव जहां कभी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसते थे, अब एक्सप्रेसवे के कारण वहां रोड, बिजली, पानी और नए व्यवसायों की एंट्री होने वाली है. कई रियल एस्टेट कंपनियां इन इलाकों में नजर गड़ाए बैठी हैं. होटल, वेयरहाउस, फूड हब और कमर्शियल सेंटर बनने की पूरी उम्मीद है. इसका सीधा फायदा वहां की लोकल इकॉनमी को मिलेगा.
युवाओं को रोजगार, कारोबार को उड़ान
इस एक्सप्रेसवे की वजह से स्थानीय युवाओं को भी रोजगार के नए रास्ते खुलने वाले हैं. कंस्ट्रक्शन, लॉजिस्टिक, ढाबे, होटल और लोकल टूरिज्म में भारी उछाल देखने को मिलेगा. अब तक जिन गांवों को शहर तक पहुंचने में घंटों लगते थे, वहां से सीधे दिल्ली या देहरादून महज 2–3 घंटे में पहुंचा जा सकेगा.
कीमतों का ग्राफ हुआ डबल–ट्रिपल
इन गांवों में जमीन की कीमत पहले जहां ₹10–15 लाख प्रति बीघा थी, अब ₹30–40 लाख तक बोली लगाई जा रही है. रजिस्ट्री ऑफिस में रिकॉर्ड तोड़ ट्रांजैक्शन देखने को मिल रहे हैं और प्रॉपर्टी डीलर्स की चांदी हो गई है. साफ है, दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे न सिर्फ एक हाइवे प्रोजेक्ट है, बल्कि यह गरीब और ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने वाला अवसर बन गया है.